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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2636
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास

अध्याय - 2

सिन्धु सरस्वती सभ्यता की उत्पत्ति,

(Origin of Sindhu Saraswati Civilization)

 

प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?

अछवा
'हड़प्पा संस्कृति, के निर्माता कौन थे? बाह्य देशों के साथ उनके सम्बन्धों के विषय में आप क्या समझते हैं?
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. सिन्धु घाटी सभ्यता से आप क्या समझते हैं?
2. सिन्धु घाटी सभ्यता में नगर निर्माण विधि एवं वास्तुकला पर टिप्पणी लिखिए।
3. हड़प्पा सभ्यता की मुख्य विशेषताओं का विवेचना कीजिये।

उत्तर-

सन् 1922 से पूर्व प्राचीन भारत का इतिहास वैदिक आर्यों के इतिहास से प्रारम्भ किया जाता था, क्योंकि सबसे प्राचीन भारतीय ग्रन्थ ऋग्वेद है। 1922-23 ई. में कुछ पुरातत्ववेत्ताओं ने सिन्ध की खुदाई में एक प्राचीन नगर का पता लगाया, जिसे मोहनजोदड़ो कहते हैं। इसके कुछ समय पश्चात् पाकिस्तान स्थित पंजाब में मोण्टगोमरी जिले में हड़प्पा में उसी प्रकार की संस्कृति के अवशेष मिले, जैसे मोहनजोदड़ो में थे। आज से 70 वर्ष पूर्व हमें इस सभ्यता की लेशमात्र भी जानकारी प्राप्त न थी और यह सभ्यता अतीत की खण्डहरों में दबी पड़ी थी। इस सभ्यता को खोज निकालने का श्रेय श्री राखलदास बनर्जी और श्री दयाराम साहनी को है, जिन्होंने मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई करवाकर इस महत्वपूर्ण कार्य को सम्पन्न किया। तत्पश्चात् सर जॉन मार्शल के संरक्षण में जो आर्कियों लॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के डाइरेक्टर जनरल थे, खुदाई का कार्य आरम्भ हुआ और इस खुदाई के फलस्वरूप सिन्धु सभ्यता पर प्रकाश पड़ा।

सिन्धु सभ्यता का मूल

इस सभ्यता का पूर्व रूप हमें सिन्ध और बिलोचिस्तान के कुछ भागों में मिलता है।

1. क्वेटा यहाँ मिट्टी के मकान बने थे, यहाँ के मृदभाण्डों पर कुछ गुलाबी सा भूरा रंग है। किसी अन्य रंग का उपयोग नहीं किया गया है।

2. (क) अमरी नाल सभ्यता : सिन्ध में अमरी नामक स्थान पर और उत्तरी बिलोचिस्तान में नाल नामक स्थान पर अनेक ऐसे स्थान मिले हैं जिनमें दीवारों की नींव में पत्थर लगाया गया है।

(ख) नन्दारा यहाँ ऐसे मकान मिले हैं, जिनमें अनेक कमरे हैं जिनकी लम्बाई 2.4 मीटर से 4.6 मीटर, चौड़ाई 1.5 से 4.6 मीटर तक है, एक खिड़की 1.4 मीटर चौड़ी थी।

3. कुल्ली सभ्यता : दक्षिणी बिलोचिस्तान में कुल्ली में स्त्रियाँ और पशुओं जैसे कूभड़दार बैल आदि की अनेक आकृतियाँ मिली हैं, यहाँ की स्त्रियों की मूर्तियाँ देवी जैसी प्रतीत होती हैं, सम्भवत: इन्हीं का विकसित रूप हड़प्पा से प्राप्त कांसे की नर्तकी की मूर्ति हैं।

4. जॉब सभ्यता : उत्तरी बिलोचिस्तान में जोब नदी की घाटी में राना गुण्डाई नामक स्थान पर चाक पर बने लाल रंग क मृदभाण्ड प्रयोग में लाने वाले मानवों की एक सभ्यता का पता चला है।

मोहनजोदड़ो

उपरोक्त सभ्यताओं का सम्बन्ध किसी न किसी रूप में मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा सभ्यता से था। मोहनजोदड़ो सिन्धु के लरकाना जिले में सिन्ध नदी तथा नर नहर के मध्य एक पतली पट्टी पर स्थित है। मोहनजोदड़ो का अर्थ (The City of the Dead) शवों की ढेरी से है, लगभग आज से 5000 वर्ष पूर्व यहाँ एक नगर का निर्माण हुआ था।

हड़प्पा

यह मांटगूमरी जिले में एक स्थान है, यहाँ पर सन् 1922 ई. में दयाराम साहनी ने अन्वेषण कार्य आरम्भ किया और कुछ भग्रावशेष प्राप्त किये थे।

सिन्धु सभ्यता की विशेषतायें :

सिन्धु सभ्यता की निम्न विशेषतायें थीं-

1. नागरिक सभ्यता विशाल भवनों तथा स्वच्छ नगरीय व्यवस्था से यह जानकारी मिलती है कि

यह नगरीय सभ्यता के अन्तर्गत थी तथा इन नगरों का विदेशों से व्यापारिक सम्बन्ध था।

2. समष्टिवादी सभ्यता: खुदाई में विशाल स्नानागार तथा सभा भवनों के भग्रावशेष इस बात के द्योतक हैं कि उस काल के लोग सामूहिक जीवन व्यतीत करते थे, किसी भी राजा या राजमहल का कोई चिन्ह नहीं मिलता है।

3. कांस्य कालीन सभ्यता: कांसे का प्रयोग इस काल में अधिक हुआ, अतः यह कांस्यकालीन सभ्यता मानी जा सकती है।

4. शान्ति प्रधान सभ्यता : खुदाई में कहीं भी कवच, तलवार एवं अन्य युद्ध सामग्री उपलब्ध नहीं हुई है। इससे यह जानकारी मिलती है कि इस काल के लोग शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करते होंगे।

सिन्धु सभ्यता के निवासी
(Citizens of Sindhu Civilization)

1. आर्य कुछ विद्वानों ने यह आर्यों की सभ्यता बताई है, परन्तु मार्शल इस बात का खण्डन करते हैं कि सिन्धु सभ्यता आर्य सभ्यता से कई गुना भिन्न है।

2. सुमेरियन : माडर्न चाइल्ड के अनुसार सिन्धु सभ्यता के निवासी सुमेरियन थे, परन्तु निश्चित प्रमाण न उपलब्ध होने के कारण यह मत ठीक प्रतीत नहीं होता है।

3. द्रविड़ राखालदास बनर्जी के अनुसार यहाँ के निवासी द्रविड़ जाति के थे, इस मत के समर्थकों का कहना है कि एक समय ऐसा था कि जब द्रविड़ लोग पंजाब, सिन्धु, बलूचिस्तान तथा भारत के अन्य भागों में फैले हुए थे।

4. मिश्रित जाति डॉ. गुप्ता तथा अन्य विद्वानों ने सिन्धु घाटी से प्राप्त अस्थिपंजरों, मूर्तियों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि इस समय के लोग एक जाति के न होकर विभिन्न जातियों के थे, ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापार नौकरी तथा अन्य प्रलोभनों से आकर्षित होकर विभिन्न जातियों के लोग उन नगरों में आकर बस गये थे।

नगर निर्माण विधि एवं वास्तुकला

(1) नगर-योजना सिन्ध प्रदेश के प्रमुख नगर मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, चन्हुदड़ो, लोहमजूदड़ो आदि सरिताओं के तटों पर स्थित थे। प्रदेश की सरितायें समय-समय पर अपनी दिशायें परिवर्तन करती रहती थीं, समय-समय पर उनमें बाढ़ भी आती रहती थी। उत्खनन में निकली तहों की परीक्षा से प्रकट होता है कि इन नगरों में कम से कम 2 बार बाढ़ आई थी। मोहनजोदड़ो एक योजनानुसार निर्मित नगर प्रतीत होता है, यहाँ की सड़कों की चौड़ाई 13 1⁄2 फुट से 33 फुट तक है।

(2) भवन-निर्माण नगर के भवन सादगी के लिए प्रसिद्ध हैं, घरों में प्रवेश स्थान तंग गलियों में हैं, उनमें खिड़कियाँ बिल्कुल नहीं हैं। कुछ कमरों को सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया है। नगर के खण्ड में एक निश्चित योजना के अनुसार भवनों का निर्माण होता था। छोटे भवन की नाप 30' x 26' होती थी। इनमें 4 x 5 मीटर के कमरे होते थे, मोहन जोदड़ो के भवन हड़प्पा की अपेक्षा अधिक विशाल थे, स्थूल रूप से ध्वंसावशेषों को विद्वानों ने तीन कालों में बाँटा है- (1) प्राचीनतम (2) मध्य ( 3 ) नवीनतम, प्राचीनतम और मध्य काल में नवीनतम अपेक्षाकृत अधिक व्यवस्थित शासन था।

(3) जल-वितरण : मोहनजोदड़ो के निवासियों ने जल वितरण का अति उत्तम ढंग अपना रखा था, कुएँ तो वहाँ अत्यधिक संख्या में पाये गये हैं, किन्तु इन कुओं की मुँडेर फर्श से कुछ इंच ऊँची है।

(4) विशाल स्नानागार : खुदाई में विशाल स्नानागार भी मिला हैं। उसकी ल. 39 फीट चौड़ाई 23 फीट तथा गहराई 8 फीट है। इस स्नानागार का प्लास्टर बहुत चिकनाई के साथ किया गया है। इसमें प्रवेश करने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई हैं, इसका पानी निकालने के लिए मोरी भी बनाई गयी हैं।

(5) धान्यागार : मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा दोनों नगरों में ही बड़े धान्यागार या कोठरे मिले इनका आकार 150 × 75 फुट है, यह पक्की ईंटों द्वारा बना हुआ भवन था, इसमें कोठे थे, इन कोठों में अन्न भरा जाता था इनमें हवा के आने-जाने के लिए भी व्यवस्था थी। कोठार में सामान रखने तथा निकालने के लिए एक मंच भी बना हुआ है।

(6) राजकीय सभा भवन इस भवन का आधार 85 85 फुट है उसमें 25 फुट ऊँचे 20 खम्बे 5-5 की चार पंक्तियों में थे, सम्भवतः इसका प्रयोग पौर परिषद् की बैठकों के लिए होता था। इस प्रकार यह भवन उस समय संस्थागार का कार्य देता था।

(7) राजप्रसाद खुदाई में एक विशाल राजप्रसाद भी मिला है, इनमें अनेक कमरे हैं। कुछ. विद्वानों ने उसको एक महाविद्यालय भी कहा है। इसके अतिरिक्त भवन भी मिले हैं जिनके निकट कुछ भट्टियाँ मिली हैं, जो इस बात की परिचायक हैं कि यहाँ धातुएँ गलाई जाती होंगी।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
  4. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  6. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  8. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  9. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  10. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
  12. प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
  13. प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
  14. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
  15. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  20. प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  21. प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
  24. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
  25. प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
  26. प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
  30. प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
  31. प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
  33. प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
  34. प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
  35. प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
  36. प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
  37. प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
  38. प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
  39. प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
  40. प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
  43. प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
  44. प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  45. प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
  47. प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
  48. प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
  50. प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
  51. प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  52. प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
  53. प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  54. प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
  57. प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
  60. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
  63. प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
  64. प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
  68. प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
  69. प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
  70. प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
  71. प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  72. प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
  76. प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
  78. प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
  79. प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
  80. प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
  83. प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
  84. प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
  85. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
  86. प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
  89. प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
  90. प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
  91. प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
  94. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
  96. प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
  97. प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
  98. प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
  99. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
  100. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
  101. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
  102. प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  105. प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
  107. प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  108. प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
  109. प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
  110. प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
  111. प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
  112. प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  113. प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  114. प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  115. प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
  116. प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  117. प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
  118. प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
  119. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
  121. प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
  122. प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
  123. प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  124. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  125. प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
  126. प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
  127. प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  128. प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
  129. प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
  130. प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  131. प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  132. प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
  133. प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  134. प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
  135. प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  136. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
  137. प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
  138. प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
  139. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
  140. प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
  141. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  142. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
  143. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
  144. प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
  145. प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
  146. प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  147. प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  148. प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
  149. प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
  150. प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
  151. प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
  152. प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
  153. प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
  154. प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
  155. प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
  156. प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  157. प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
  159. प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
  160. प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  161. प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  162. प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
  163. प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
  165. प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।

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